Saturday, June 30, 2012

एक कहानी 'बंदर'

An Inspiring story 'The Monkey'

बंदर 

एक दिन एक बंदर ने एक आदमी से कहा-- "भाईकरोड़ों साल पहले तुम भी बंदर थे। क्यों न आज एक दिन के लिए तुम फिर बंदर बनकर देखो।"  
यह सुनकर पहले तो आदमी चकरायाफिर बोला-- "चलो ठीक है। एक दिन के लिए मैं बंदर बन जाता हूँ।" 
बंदर बोला-- "तो तुम अपनी खाल मुझे दे दो। मैं एक दिन के लिए आदमी बन जाता हूँ।" 
इस पर आदमी तैयार हो गया। 
आदमी पेड़ पर चढ़ गया और बंदर ऑफिस चला गया। शाम को बंदर आया और बोला-- "भाईमेरी खाल मुझे लौटा दो। मैं भर पाया।"
आदमी ने कहा-- "हज़ारों-लाखों साल मैं आदमी रहा। कुछ सौ साल तो तुम भी रहकर देखो।"
बंदर रोने लगा-- "भाईइतना अत्याचार न करो।" पर आदमी तैयार नहीं हुआ। वह पेड़ की एक डाल से दूसरीफिर दूसरी से तीसरीफिर चौथी पर जा पहुँचा और नज़रों से ओझल हो गया।
विवश होकर बंदर लौट आया।
और तब से हक़ीक़त में आदमी बंदर है और बंदर आदमी।